☼शुभप्रभात .... !☼
९ /४/२० १ ३ !!
सारे पर्व आ कर उल्लास-मय कर ,फिर आने के लिये छिप गये ....
अब आलस वाले दिन आ गये ....
कुछ उदासी अपनों के कारण ,मन की होती है ....
कुछ बाहर से प्रभावित हो कर हम उदास हो जाते हैं ....
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This is the lady who has cancer
अब आलस वाले दिन आ गये ....
कुछ उदासी अपनों के कारण ,मन की होती है ....
कुछ बाहर से प्रभावित हो कर हम उदास हो जाते हैं ....

This is the lady who has cancer

आखिर क्यों आती हो तुम याद
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ये सच में , मेरा खून है
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चोंच से चोंच मिला कर खिलाता
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तेज़ प्रवाह कभी मंथर गति से बहती
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हम वो माहौल बनायेगे कि बेटियॉ यहॉ हॅसती खेलती रहे
मुझे दीजिए इजाजत ......... फिर मिलते हैं ........
विभा रानी श्रीवास्तव

ये सच में , मेरा खून है

चोंच से चोंच मिला कर खिलाता

तेज़ प्रवाह कभी मंथर गति से बहती

हम वो माहौल बनायेगे कि बेटियॉ यहॉ हॅसती खेलती रहे
मुझे दीजिए इजाजत ......... फिर मिलते हैं ........
विभा रानी श्रीवास्तव