नमस्कार एवं शुभप्रभात...
आज शुकरवार है और मैंहाजिर हूं लेकर आप की प्यारी प्यारी रचनाओं से सजी आज की हलचल
प्रारंभ करते हैं आज की हलचल इन प्यारे लिंकों के साथ
कभी ख़ुदग़र्ज़ कहलाए कभी समझे गए काफ़िर हज़ारों रंग देखे हैं हमारी आशनाई ने हमारी ख़ुशनसीबी है के: वो: आशिक़ हुए हम पेवगरन: किसका दिल महफ़ूज़ रक्खा है ख़ुदाई ने
जी रहे हैं सभी यहाँ आपसी रंजिसों के साथ भला कब तक ? ये भी कोई जीना है
इस प्यार को क्या नाम दूँ? जो हम दोनों के बीच मंथर चल से प्रतिपलवर्षों से चलता आ रहा है
बहुत देर तक हम साथ चले नंगे पांव जब तक साँझ ढले खौफ निगाहे तो मार ही डालती गर उम्मीदों ने हमें पुकारा ना होता
बैठे हैं वो घोटालों के दम पर अमीर बन । उनकी नजर में ये कोई गुनाह नहीं है ॥ उनकी सजाये मौत पे बरपा है शोर क्योंअमनो शुकुं की ओर अब निगाह नहीं है
॥ चलते रहना ,हिम्मत से ,और पाना मुकाम जब संगीत रूह में है ,तब किसकी तलाश है !! उसकी रहमत से सुरमयी हो जाए हर इक सांसहर रूह में ही कोई मीरा, तो कोई रैदास है
ये बात सच है की हिन्दू धरम के अनुसार गाय मत के समान हैपरन्तु धर्म ने ये भी कहा है की सभी जीवो पर दया की जानी चाहिए . धर्म ने ये कभी नहीं कहा की गाय के अलावा अन्य जीव प्राणवान नहीं हैं
करे न पार औरत हरगिज़ हया की चौखट , उम्रभर देता है मुस्तैद होकर मर्द पहरा ! मर्द की दुनिया में औरत होना है गुनाह , ज़ुल्म का सिलसिला आज तक नहीं ठहरा
जखम हो रहे दिन ब दिन और गहरे, नयन की कटारी ने दिल को छुआ है, नहीं बच सकेगा जतन लाख कर लेनसीबा ने खेला सदा ही जुआ है
दुनियादारी का हुनर कोई उनसे सीखे 'उदय' चवन्नी छाप होके भी सरकार बने बैठे हैं ?... एक अर्से के बाद नजर आये हैं हुजूर शायद हमसे ही कोई खता हुई होगी
वैसे तो दुनिया में रहस्य और डर से जुड़ी घटनाओं की कोई कमी नहीं है, लेकिन यहां हम आपको दुनिया की ऐसी खौफनाक जगहों पर ले जाने वाले हैं जो किसी फिल्मी कहानियों से एकदम अलग बिल्कुल सच के करीब हैइनकी सच्चाई जानेंगे तो आपकी रूह तक कांप जाएंगी, असल में ये जगहें रूहों और पिशाचों का निवास स्थान हैं
दिन तो बीते यादों में रात कि गहरे में डूबे मन जब भी छोड़ के भागूं तन्हाई कोतेरा साया पीछा करता हरदम
नही है मकडजाल मेरा न ही है कोई धोखा जीना कुछ कुछ सीख गई हूँजबसे मौत को देखा है
जाने वाले चले गए चेहरा छोड़कर कबके जिए जायेंगे खातिर उनकी नादिर ये निशानी है कस्बो-गाँव कि सड़को पर गाड़ियों कि रेलम-पेलधूल के गुबार हें बस, वादे-इरादे यहाँ सब बेमानी है
देखो तुम तो थोड़ा बहुत कमा भी लेते हो पर मैं तो कुछ भी नहीं कमाता। अतः मां को तुम रख लो और उनकी देख-भाल, दबा-दारू करवाओ।पिताजी को मैं रख लेता हूँउनके पेंशन से मैं उनकी देखभाल दवा दारू करवा दूँगा। यह बात मान्य थी, दोनों को। इस तरह उस घर की चल-अचल संपत्ति का भी बंटवारा हो गया
मैं तो इतना कनफ्यूज हो गया हूं कि समझ ही नहीं पा रहा हूं कि संजय दत्त को अभिनेता कहूं या फिर अपराधी । ये अलग बात है किसंजय खुद ही गाते रहे हैं कि नायक नहीं खलनायक हूं मैं...
वैदराज मुस्कुराये और कहने लगे की चिंता की कोई बात नहीं है| क्योंकि जो मैंने तुम्हे दिया वो जहर नहीं पर विटामिन की गोली थीजहर तो तुम्हारे दिमाग में था जो अब निकल चूका है
आज की हलचल में बस इतना ही...
मिलेंगे अगले शुकरवार को
धन्यवाद
चलते चलते भ्रष्टाचार पर ये कवितामय विडियो
आज शुकरवार है और मैंहाजिर हूं लेकर आप की प्यारी प्यारी रचनाओं से सजी आज की हलचल
प्रारंभ करते हैं आज की हलचल इन प्यारे लिंकों के साथ
कभी ख़ुदग़र्ज़ कहलाए कभी समझे गए काफ़िर हज़ारों रंग देखे हैं हमारी आशनाई ने हमारी ख़ुशनसीबी है के: वो: आशिक़ हुए हम पेवगरन: किसका दिल महफ़ूज़ रक्खा है ख़ुदाई ने
जी रहे हैं सभी यहाँ आपसी रंजिसों के साथ भला कब तक ? ये भी कोई जीना है
इस प्यार को क्या नाम दूँ? जो हम दोनों के बीच मंथर चल से प्रतिपलवर्षों से चलता आ रहा है
बहुत देर तक हम साथ चले नंगे पांव जब तक साँझ ढले खौफ निगाहे तो मार ही डालती गर उम्मीदों ने हमें पुकारा ना होता
बैठे हैं वो घोटालों के दम पर अमीर बन । उनकी नजर में ये कोई गुनाह नहीं है ॥ उनकी सजाये मौत पे बरपा है शोर क्योंअमनो शुकुं की ओर अब निगाह नहीं है
॥ चलते रहना ,हिम्मत से ,और पाना मुकाम जब संगीत रूह में है ,तब किसकी तलाश है !! उसकी रहमत से सुरमयी हो जाए हर इक सांसहर रूह में ही कोई मीरा, तो कोई रैदास है
ये बात सच है की हिन्दू धरम के अनुसार गाय मत के समान हैपरन्तु धर्म ने ये भी कहा है की सभी जीवो पर दया की जानी चाहिए . धर्म ने ये कभी नहीं कहा की गाय के अलावा अन्य जीव प्राणवान नहीं हैं
करे न पार औरत हरगिज़ हया की चौखट , उम्रभर देता है मुस्तैद होकर मर्द पहरा ! मर्द की दुनिया में औरत होना है गुनाह , ज़ुल्म का सिलसिला आज तक नहीं ठहरा
जखम हो रहे दिन ब दिन और गहरे, नयन की कटारी ने दिल को छुआ है, नहीं बच सकेगा जतन लाख कर लेनसीबा ने खेला सदा ही जुआ है
दुनियादारी का हुनर कोई उनसे सीखे 'उदय' चवन्नी छाप होके भी सरकार बने बैठे हैं ?... एक अर्से के बाद नजर आये हैं हुजूर शायद हमसे ही कोई खता हुई होगी
वैसे तो दुनिया में रहस्य और डर से जुड़ी घटनाओं की कोई कमी नहीं है, लेकिन यहां हम आपको दुनिया की ऐसी खौफनाक जगहों पर ले जाने वाले हैं जो किसी फिल्मी कहानियों से एकदम अलग बिल्कुल सच के करीब हैइनकी सच्चाई जानेंगे तो आपकी रूह तक कांप जाएंगी, असल में ये जगहें रूहों और पिशाचों का निवास स्थान हैं
दिन तो बीते यादों में रात कि गहरे में डूबे मन जब भी छोड़ के भागूं तन्हाई कोतेरा साया पीछा करता हरदम
नही है मकडजाल मेरा न ही है कोई धोखा जीना कुछ कुछ सीख गई हूँजबसे मौत को देखा है
जाने वाले चले गए चेहरा छोड़कर कबके जिए जायेंगे खातिर उनकी नादिर ये निशानी है कस्बो-गाँव कि सड़को पर गाड़ियों कि रेलम-पेलधूल के गुबार हें बस, वादे-इरादे यहाँ सब बेमानी है
देखो तुम तो थोड़ा बहुत कमा भी लेते हो पर मैं तो कुछ भी नहीं कमाता। अतः मां को तुम रख लो और उनकी देख-भाल, दबा-दारू करवाओ।पिताजी को मैं रख लेता हूँउनके पेंशन से मैं उनकी देखभाल दवा दारू करवा दूँगा। यह बात मान्य थी, दोनों को। इस तरह उस घर की चल-अचल संपत्ति का भी बंटवारा हो गया
मैं तो इतना कनफ्यूज हो गया हूं कि समझ ही नहीं पा रहा हूं कि संजय दत्त को अभिनेता कहूं या फिर अपराधी । ये अलग बात है किसंजय खुद ही गाते रहे हैं कि नायक नहीं खलनायक हूं मैं...
वैदराज मुस्कुराये और कहने लगे की चिंता की कोई बात नहीं है| क्योंकि जो मैंने तुम्हे दिया वो जहर नहीं पर विटामिन की गोली थीजहर तो तुम्हारे दिमाग में था जो अब निकल चूका है
आज की हलचल में बस इतना ही...
मिलेंगे अगले शुकरवार को
धन्यवाद
चलते चलते भ्रष्टाचार पर ये कवितामय विडियो