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Channel: भूले बिसरे-नये पुराने
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***मां तुझे प्रणाम****आज की हलचल

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यहाँ   उदगार    के   स्वर   में  ह्रदय    करता  है  स्पंदन |
बहुत  आभार  के  संग  में  है  मन  करता  तुम्हे   बंदन ||
आज   निःशब्द  हूँ  स्वागत  करुँ  किस  भाव  से  श्रीमन|
आगमन  पर  है शत शत आज निर्माणी में अभिनन्दन ||
नमस्ते...आज हलचल पर प्रस्तुति देते हुए 1 वर्ष के लगभग समय हो चुका है। आप सब का स्नेह नियमित रूप से मिल रहा है। उमीद है आने वाले वर्षों में आप का स्नेह इसी प्रकार मिलता रहेगा...
इस उमीद के साथ पेश है आज की हलचल इन प्यारे लिंकों के साथ।


***मनोरमा***सुमन मिटे कब रोग***श्यामल सुमन
इन्सानों से अब नहीं, चीजों से है प्यार।
होता अब इन्सान से, चीजों सा व्यवहार।।
देख सुमन क्या हाल है, अब तो आँखें खोल।
कोख सहित ममता बिके, लगते उसपर बोल


***Science Bloggers' Association of India***ब्‍लॉग बैठकी, चचा-वर्चा!
बैठक में जाने-माने ब्‍लॉगर डॉ0 प्रवीण चोपड़ा, विज्ञान संचारक डॉ0 जाकिर अली रजनीश, विज्ञान कथाकार एवं ब्‍लॉगर डॉ0 जीशान हैदर जैदी एवं कठपुतली के द्वारा विज्ञान
संचार की अलख जगाने वाले युवा अरशद उमर सैम ने भाग लिया, जिसमें विज्ञान ब्‍लॉगिंग के विभिन्‍न पक्षों पर चर्चा हुई


***HEART SINGS***"हमको खराब रहने दे"***अनुराग सिंह “ऋषी”
नशे में डूबने हम मयकदे को क्यों जाएँ
तेरी आँखें ही बहुत हैं शराब रहने दे
गुनाह अपने तू सारे छुपा ले दुनिया से
जो हम खराब हैं हमको खराब रहने दे


***bikhari Anubhutiyan***वेदना  पर चेतना की जीत होगी***श्रीप्रकाश शुक्ल
ये आपदायें क्षणिक तो, गहरायेंगी, डरपायेंगी
पर चेतना हो बलवती, तो खुद व खुद मिट जायेंगी 
पग रहें गतिमय अगर, हर थाप पग की गीत होगी
वेदना पर चेतना की जीत होगी


***साझा आसमान***गुनहगार ख़ुश रहे***-सुरेश  स्वप्निल
मरती   रहे     अवाम     अगर    भूख   से   मरे
हाकिम  है   फ़िक्रमंद    के:    बाज़ार  ख़ुश  रहे
इस  दौरे-सियासत    के    क़वायद  कमाल  हैं
कट  जाएं  सब  सिपाही  प'  सरदार  ख़ुश  रहे


***रचनाकार***राम नरेश 'उज्ज्वल'की दस बाल कविताएँ***Ravishankar Shrivastava 
झूम-झूम कर जैसे हमको,
अपने पास बुलाते फूल।
रोना नहीं सदा खुश रहना,
हँसना हमें सिखाते फूल


***तीखी कलम से***ईमानदार को भी अब नकाब चाहिए***नवीन मणि त्रिपाठी
वह  हुक्मरान  है,  उसे   दावत   कबूल  है ।
उसको   गरीब   खाने  से,  कबाब   चाहिए॥
हिन्दोस्ताँ   कि  लाज  बचाने  के लिए अब।
हर  शख्स  के  सीने  में, नयी आग चाहिए ॥
                              

***जिज्ञासा***नई राजनीति की आहट***Pramod Joshi
सारे समाधान राजनीति के बस की बात नहीं हैं, पर सांस्कृतिक-सामाजिक
बदलाव राजनीति को प्रभावित करते हैं। यह चुनाव इस संदेश को भी लेकर आया है। ऐसे अनेक संदेश इस चुनाव के साथ जुड़े हैं। उनका बेहतर मतलब लोकसभा चुनाव में नजर
आएगा


***Ocean of Bliss***बस यही इक पल***Rekha Joshi
 संवार
सकता है
जीवन
बस
यही
इक पल


***तमाशा-ए-जिंदगी***शाम तनहा है***Tushar Raj Rastogi at
याद रह जाएगी
दिलों में मेरी
जब चला जायेगा
निर्जन'तनहा


***कविता मंच***हे मां तुझे प्रणाम***Rajesh Tripathi
तुममें मंदिर  मसजिद देखे, देखा और शिवाला।
तेरा आसन  दिल में मेरे, कोई न लेनेवाला ।।
तुममें  मेरे  कृष्ण विराजें, और विराजें राम।
तुममें  मेरे  सारे तीरथ,  हे मां तुम्हें प्रणाम

आजबस इतना ही...

धन्यवाद


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