काले जादू पर कुछ काले अक्षर और अज्ञात की मरम्मत
नमस्ते!गुरुवारीय प्रस्तुति मे आप सभी का हार्दिक स्वागत है -अज्ञातबिछी बिसातजुर्म देखो, उम्र नहीं...काले जादू पर कुछ काले अक्षर ... मरम्मतन दैन्यं, न पलायनम् एक बूढ़ी लकड़ी New Earth --Part 2Words...
View Articleयहीं कहीं आस पास.....
(1)यहीं कहीं आस पासतेरे मिलने के बाद...अगर मैं समझ सकता होता आंसुओं के मोल तो 12 'हाईगा ' लिखने के बाद बेकार न जाता आँख का पानी...!(2) मैं मानता हूँ कि शुक्रवार की हलचल में जीतना हारना नहीं होता...
View Articleचालीस साल का सफर इन दिनों.....
इन दिनों.....कोई संशयनहीं कि बस ऐसी ही हूँ मैं .....देखती सुनती रहती रहती हूँ वह नन्हीं चिड़िया और उसके सवाल .......विचारों की श्रंखलाके साथ मैंने पूरा कर लिया है "चालीस साल का सफर".......फिर भी मैं...
View Articleसंदेशे धरती के नाम!
नेल्सन मंडेला को हार्दिक श्रद्धांजलि नेल्सन मंडेला दे गए यही संदेशे धरती के नाम! कि यह जीवन बदरंगनहीं यह तो एक एहसास है जो हर गम और खुशी में बदल लेता है रंग बहलाने को दिल तेरा ....ताकि सब में बना...
View Articleएक शिकायत...आज की हलचल।
लोकतन्त्र और चुनावोंके बारे में एक प्रसिद्द उक्ति है कि चुनावों से अगर कुछ बदला जा सकता तो इनको कभी का अवैधानिक क़रार दे दिया जाता. इसे याद करते हुए हमेंलगता है कि दुनिया भर के लोकतान्त्रिक देश निश्चित...
View Articleमानवाधिकार दिवस है
शुभप्रभात मानवाधिकार दिवस है ,इसे महत्वपूर्ण मानने वाले स्त्रियों को मानव मान लें उसे उसके अधिकार से वंचित ना करें http://delhiblog.blogspot.in/2006/12/blog-post.htmlकिसी भी इंसान की जिंदगी, आजादी,...
View Articleनिगाहें मिलकर बदल जाने वाले कभी नहीं समझ सकते भीतर की संवेदना
क्योंकि गहनों का मुझे शौक नहींइसलिये निगाहें मिलकर बदल जाने वालेकभी नहीं समझ सकते मेरे भीतर की संवेदनामैं, मेरी बेटी और हमारी सरकार देखते हुए खेल अजब दुनिया के करते हैं यूं तो त्यागकी कई बातें मगर डरने...
View Articleफिर इंद्रधनुष सजाए मैंनें,...
नमस्ते गुरुवारीय प्रस्तुति मे आपका स्वागत है इन लिंक्स के साथ-फिर इंद्रधनुष सजाए मैंनें,...स्त्री / :) वही …मानव …निर्लज...!मेरे दिवान-ए-इश्क में उसनें नया हर्फ़ खिंचा है सरदी आई ,सरदी आई मिलकर...
View Articleहिन्दुत्ववादी फासीवाद के विरुद्ध संघर्ष: बुद्धिजीवियों के लिए कुछ...
नमस्ते !शुक्रवारीय प्रस्तुति मे पेश हैं कुछ चुनिन्दा लिंक्स हिन्दुत्ववादी फासीवाद के विरुद्ध संघर्ष: बुद्धिजीवियों के लिए कुछ व्यावहारिक प्रस्ताव नरेंद्र मोदी का इतिहासबोध भी सरदार पटेल को आर एस एस...
View Articleतुम्हें तो शर्म भी नहीं आती
इस घरेलु नुस्खे से हमेशा की लिए ठीक हो जाता है मधुमेहमगर तुम्हें तो शर्म भी नहीं आतीपावनी प्रकृति के दिये आयुर्वेद उपहार को ठुकरा कर रोजानाचक्कर लगाते हो अँग्रेजी डॉक्टर के चिकित्सा पत्र की...
View Articleसुखद पल के साथ सुबह की नरम धूप भी देखो...
नमस्ते!हलचल की रविवारीय प्रस्तुति मे आपका स्वागत है इन लिंक्स के साथ मैं मेरी तन्हाई माँ मुझको एक गीत सुना दो सुखद पलसुबह की नरम धूप भी देखो...बात कोई नई नहीं कह रहा हूँ आज फिर हुई कहीं बस लिख दे रहा...
View Article***मां तुझे प्रणाम****आज की हलचल
यहाँ उदगार के स्वर में ह्रदय करता है स्पंदन |बहुत आभार के संग में है मन करता तुम्हे बंदन ||आज निःशब्द हूँ स्वागत करुँ किस भाव से श्रीमन|आगमन पर है शत शत आज निर्माणी...
View Articleदत्तात्रेय जयंती
शुभप्रभात श्री दत्तात्रेय यानी ब्रह्मा-विष्णु-महेश का त्रिगुण रूप, जो राम-कृष्ण की तरह चिरंतन, चिरंजीव है, जो केवल दुष्टों का ही नाश नहीं करते, वरन अज्ञानरूपी अंधकार को भी दूर करते हैं, जिन्हें...
View Articleपथिक अभी विश्राम कहाँ हमें तो बस चलते जाना है
पथिक अभी विश्राम कहाँहमें तो बस चलते जाना है अभी मुहब्बत की बात न करोआज फिर सपनों में वही संकल्प ठाना है यूं ही रहेंगे खामोश तुम हमहिंदी समाचार पत्रों की भाषा कभी समझ न आना है मधुमेह में शहद का...
View Articleपानी का भी कोई आकार होता है क्या ?
नमस्ते !हलचल की गुरुवारीय प्रस्तुति मे आपका स्वागत है इन लिंक्स के साथ- सरकार बनाने के लिये सर्वे पानी का भी कोई आकार होता है क्या ?लालटेन /गाँव पिछला आँगन - विपिन चौधरी'Creative Force'मोहताज़ नहीं...
View Articleआसमान मे आज सूरज नहीं चमक रहा है एक little star
बहुत दिनो के बाद....Optimistic Mindset!!के साथ मैंने पढ़ी एक प्रशासक द्वारा एक ऐतिहासिक प्रशासक की कर्म गाथा यह कोई साधारण 'किस्सा..' नहीं न ही ये पागलपनहै तुम यकीनकरो या मत करो इसे पढ़ते हुए आज...
View ArticleEssence of Life है तेरा रूप मेरा रंग
नमस्ते !शुक्रवारीय प्रस्तुति में आपका स्वागत है इन लिंक्स के साथ-Essence of Life!! इतने करीब थे...मुझसे ये पूछते क्यों हो "ठंड"और "अलाव" कुहरा करता है मनमानी तेरा रूप मेरा रंग यह क्या हुआ एक...
View Articleसब बेहरूपिये सो रहें हैं
ये जिंदगी क्या है? पता नहीं मगर बहुत अजीब हैं आज के हालात कोई जाग नहीं रहा सब. बेहरूपिये सो रहें हैंअलग अलग पैंतरे और फितरतके साथ आने वाले कल के सपनों के लिए नींद मे सुन रहे हैं धीरे धीरेबजता...
View Articleऔर हमने न चाहा होता लौटना कभी भी.....
***नमसते***मैं कुलदीप ठाकुरआज पुनः हाजिर हूं*** 23/12/13की नयी पुरानी हलचल लेकर***उमीद है लिंक की गयी रचनाएं आप को पसंद आयेगी। ***Mahesh Dewedy's World***Chirjajwalyaऔर आज मानव कीउनके प्रति तटस्थताका...
View Articleराष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस
शुभप्रभात राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस http://india.gov.in/hi/क्या आप जानते हैं? हर वर्ष 15 मार्च को विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस और 24 दिसम्बर को राष्ट्रीय उपभोक्ता अधिकार दिवस मनाया जाता...
View Article