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Channel: भूले बिसरे-नये पुराने
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निगाहें मिलकर बदल जाने वाले कभी नहीं समझ सकते भीतर की संवेदना

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क्योंकि गहनों का मुझे शौक नहीं
इसलिये निगाहें मिलकर बदल जाने वाले
कभी नहीं समझ सकते 
मेरे भीतर की संवेदना
मैं, मेरी बेटी और हमारी सरकार 
देखते हुए खेल अजब दुनिया के 
करते हैं यूं तो त्यागकी कई बातें 
मगर डरने भी लगते हैं 
क्योंकि हर तरफ हर जगह बेशुमार आदमी
कलम की चित्रकारी करते हुए
बस एक ही बात ठाने हैं कि 
अवश्‍य बीतेंगे ये अंधकारमय दिन
और सब देखेंगे
घनी रात के बाद दिन का उजाला। 

~यशवन्त यश  

नोट-कत्थई रंग मे ब्लॉग पोस्ट्स के लिंक्स हैं

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