$ 0 0 पथिक अभी विश्राम कहाँहमें तो बस चलते जाना है अभी मुहब्बत की बात न करोआज फिर सपनों में वही संकल्प ठाना है यूं ही रहेंगे खामोश तुम हमहिंदी समाचार पत्रों की भाषा कभी समझ न आना है मधुमेह में शहद का प्रयोग क्या कभी तुमने जाना है चुप हूं जब तक.. चुप हूं....मेरे हर शब्द की ताकत को तुमने कभी न पहचाना है। ~यशवन्त यश नोट -कत्थईरंग मे ब्लॉग पोस्ट्स के लिंक्स हैं।