$ 0 0 नमस्ते !आप सभी का स्वागत है आज की हलचल में । "मील का पत्थर" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') कुत्ता गोष्ठी यूँ ही.... सिंगरौली - जहाँ कोई वापसी नहीं / निर्मल वर्मा सूर्यास्त एक अर्ज है तुझसे!अरुण श्रीवास्तव की कविताएँ और अब सुनिये प्रतीक बाबू ( जिनकी पोस्ट का लिंक ऊपर से 2रा है) की दिलकश आवाज़ में यह गीत-~यशवन्त यश ~