किसी 'कबूतर'का फोन है..... हमारे शरीर, सामाजिक विद्रोह व कलात्मक अभिव्यक्ति
नमस्ते !हलचल की रविवारीय प्रस्तुति में आपका स्वागत है-"किसी 'कबूतर'का फोन है ........"हमारे शरीर, सामाजिक विद्रोह व कलात्मक अभिव्यक्ति कितना अच्छा होता हैSearching solitude - Ricerca di solitudine -...
View Articleखुशी देते पल
नमसते...सौमवारीय हलचल में आप का स्वागत है...इन चंद लिंकों के साथ...खुशी देते पलअपने हिस्से का दुःख खुद झेलते हैंखुशियों को दुसरे का मोहताज़ क्यूँ बनायें कोमल पौधेसह जाते हैं आँधीवृक्ष मरते ।बैठे-बिठाये...
View Articleसांझ
शुभ प्रभात पत्रिंगा यादों का कारवाँ सांझ प्यार और व्यापार जब जीवन की साँझ ढले अब मुझे दीजिये इजाजत …… फिर मिलते हैं ……… विभा रानी श्रीवास्तव
View Articleनये रास्ते पर ज़िंदगी की मॉडर्न आर्ट
नमस्ते !यशोदा दीदी की नानी जी के दिवंगत होने के कारण इस सप्ताह दिग्विजय जी एवं वह उपस्थित नहीं रहेंगी। ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को शांति एवं परिवार को यह दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।...
View Articleकितने घाघ हैं ये बाघ!
नमस्ते !हलचल की गुरुवारीय प्रस्तुति में आपका स्वागत है इन लिंक्स के साथ-कितने घाघ हैं ये बाघ! हवा मे तैरते प्रश्नवसंत नहीं आता सुबह हुई ही नहींइच्छा मृत्यु व् आत्महत्या :नियति व् मजबूरीरिश्तों का बीज...
View Articleमन पूछता है बस यह तो नहीं हैं आशिक़ी......
नमस्ते !शुक्रवारीय प्रस्तुति में पेश हैं कुछ चुने हुए लिंक्स-जल और आयुर्वेद यह तो नहीं हैं आशिक़ी...... मन पूछता है बस ...हरसिंगार सी यादें अवाक्.. पृथ्वी ! नई किस्म की राजनीतिक परम्परा की शुरुआत की...
View Articleधरती पर चाँद
नमस्ते !हलचल की शनिवारीय प्रस्तुति में आपका हार्दिक स्वागत है-धरती पर चाँद मनुजता की चूनरीकौन कहता है,..?? बहुत कनफ्यूजन होता है शिव जब कोई तीसरी आँख की बात करता हैकब्रिस्तान सज रहा हैं-पथिक...
View Articleयादों के लम्हे! अतीत की सुनहरी पगडंडियों से..
नमस्ते हलचल के रविवारीय अंक में आपका स्वागत है इन लिंक्स के साथ-यादों के लम्हे! अतीत की सुनहरी पगडंडियों से..पुराने पन्नें और नया वक़्त....आ गए मेहमां हमारे !! ये बीते हुए लम्हें !!वे आवारा क्या समझेंगे...
View Articleसोचना तो पड़ेगा ही आखिर....
हलक से हलाक तक पहुंच रही है जनता ..और नेता ...फर्श से अर्श पर ,,देश का अन्नदाता ..किसान भूखो मरने के कगार पर और... खाद्य योजना हवा में उड़ रही हैं ...घरेलूउद्योग के सियापे पड़े हैं और टेलीविजन पर निर्माण...
View Articleकाम एक आम
शुभप्रभात शजर रोता आवारा पतावरउदास होता हिम्मत से खड़े है भ्रम हो या विश्वास आम से आप बदलता देश, दशक और फिल्मी नायक काम एक आम हर आंख निहारे नारी देह अच्छा हुआ आई रेल, आई रेल।मुझे इजाजत दीजिये...
View Articleमील का पत्थर
नमस्ते !आप सभी का स्वागत है आज की हलचल में । "मील का पत्थर" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') कुत्ता गोष्ठी यूँ ही.... सिंगरौली - जहाँ कोई वापसी नहीं / निर्मल वर्मा सूर्यास्त एक अर्ज है...
View Articleआँसुओं में लिखा नाम -रनिया-रानी की जुदा कहानी
नमस्ते !गुरुवारीय प्रस्तुति में आपका हार्दिक स्वागत है आँसुओं में लिखा नामरनिया-रानी की जुदा कहानीजब देखना पड़ता था मौत से साक्षातकार अन्धेरे मेबार-बारसमकालीन दलित राजनीति और अंबेडकर का जाति उन्मूलन का...
View Articleधरा और गगन रसोई और आयुर्वेद
नमस्ते हलचल की शुक्रवारीय प्रस्तुति में पेश हैं कुछ चुने हुए लिंक्स रसोई और आयुर्वेद धरा और गगन जब संभलता हूं ............... उलझन साधना का उत्तंग शिखरपंचतंत्र बनाम ईसप की कथाएँ ~यशवंत यश
View Articleक़िस्मत में जो लिखा है वो मिलकर रहेगा..आज की शनिवारीय अंक....
कुछ तो है वजह..वरना हलचल से अनुपस्थितिमेरी फितरत मे नहीं....दुआ करें..व्यवस्थित रहूँ मैं..चलिये चलते हैं ब्लाग बागीचे में आज क्या है...महिला का दर्जा जीवन में पहला हैआप हमेशा नहला है वो हमेशा दहला...
View Articleवात, प्रभाव, प्राणायाम ये मंत्र अपनाइए, हमेशा खुश रहेंगे
नमस्ते!आप सभी का स्वागत है आज की प्रस्तुति में चुने हुए लिंक्स के साथ- हिन्दी फ़िल्में और धूँए के छल्लेये मंत्र अपनाइए, हमेशा खुश रहेंगे...खुशदीपवात, प्रभाव, प्राणायाममार्च का गीत झूठा सच अनुत्तरित...
View Articleमां तुझे सलाम...
नमस्ते...मैं एक बार फिर हाजिर हूं आप की लिखी हुई रचनाओं के साथ... उमीद है रचनाएं पसंद आएगी...यह सोचते ही उसके अंदर की माँ कुलबुलाने लगी ,''नही नही ,चाहे मुझे कुछभी हो जाए मै अपने बच्चे को कभी भूखा...
View Articleमेरा नाज़ उठाने वाला हो
शुभ प्रभात 1सखियाँ टोली रंगों से भरी झोलीप्यार की हो ली। =====2पावन होली राधा श्याम की हो ली भींगती चोली। होली की हार्दिक शुभकामनायें अगली मुलाक़ात बसिऔरा होली पर मुलाक़ात होगी होली के बसिऔरा का दानापुर...
View Articleएक लम्बे अंतराल के बाद...फिर बुधवार का अंक मेरे हवाले
एक लम्बे अंतराल के बाद...फिर बुधवार का अंक मेरे हवालेअपरिहार्य कारणों से अनुपस्थित रहाअब दिग्विजय अग्रवाल का सादर अभिवादन स्वीकारें........बिना किसी भूमिका के चलते हैं आज की हलचल की ओर.....हम तो हरदम...
View Articleसंबंधों की धुरी
नमस्ते !गुरुवारीय प्रस्तुति मे आपका स्वागत है-महात्मा गांधी की हत्या और आरएसएस: बहस जारी स्वदेश सिन्हा का नया ''विद्वत्तापूर्ण''सूत्रीकरण Green oasis - Oasi verde - हरा मरुद्यानऔरत... होली ..... तब...
View Articleराजनीति में आने के पहले केजरीवाल का अंबानी, फोर्ड फाउंडेशन था
नमस्ते !हलचल की शुक्रवारीय प्रस्तुति में आपका स्वागत है-राजनीति में आने के पहले केजरीवाल का अंबानी, फोर्ड फाउंडेशन था आज क्या हुआ होगा...मेरे देश मेंतेरा जैसा उल्लू भी तो कोई कहीं नहीं होता डॉ....
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