$ 0 0 शुभ प्रभात पत्रिंगा यादों का कारवाँ सांझ प्यार और व्यापार जब जीवन की साँझ ढले अब मुझे दीजिये इजाजत …… फिर मिलते हैं ……… विभा रानी श्रीवास्तव