नमसते...
सौमवारीय हलचल में आप का स्वागत है...इन चंद लिंकों के साथ...
खुशी देते पल
अपने हिस्से का दुःख खुद झेलते हैं
खुशियों को दुसरे का मोहताज़ क्यूँ बनायें
कोमल पौधे
सह जाते हैं आँधी
वृक्ष मरते ।
बैठे-बिठाये उसने मुझसे बैर कर लिया
षड्यंत्र रचने के लिय कोई वजह तो चाहिए !
झोपडी को कर रही ज़लील कोठियां ,
दिल जलाने के लिए कोई वजह तो चाहिए !
गुरु ने बोला ,जीवन का ये
सफ़र,जटिल आसान नहीं
पथरीले रास्तों पर चल कर ,
ठोकर खाकर सीखेगा
मैली मन की भावना, दूषित हुए विचार
है क्षणभंगुर आजकी, नव पीढ़ी का प्यार
आजादी है नाम की, नाम मात्र गणतंत्र ।
व्यापित केवल देश में, पाप लोभ षड़यंत्र
खुफिया एंजेसी ‘रॉ’ के अपर सचिव रहेबी. रमन की इन बातों से समझा जा सकता है।
एक बार बी. रमन ने एनजीओ और उसकी फंडिंग पर आधारित एक किताब के विमोचन के समय कहा था कि “सीआईए सूचनाओं का खेल खेलती है। इसके लिए उसने ‘वॉयस ऑफ अमेरिका’ और
‘रेडियो फ्री यूरोप’ को बतौर हथियार इस्तेमाल करती है।” अपने भाषण में बी. रमन ने इस बात की भी चर्चा की कि विदेशी खुफिया एजेंसियां कैसे एनजीओ के जरिए अपने
काम को अंजाम देती हैं। किसी भी देश में अपने अनुकूल वातावरण तैयार करने के लिए सीआईए उस देश में पहले से काम कर रही एनजीओ का इस्तेमाल करना ज्यादा सुलभ समझती
है। उसे अपने रास्ते पर लाने के लिए वह फंडिंग का सहारा लेती है। जिस क्षेत्र में एनजीओ नहीं है, वहां एनजीओ बनवाया जाता है।
निशानी अब हसीं यादों की लम्हा लम्हा मुस्काये
हों चर्चे कुल जहां अपने ही ऐसी दास्ताँ इक हो /
नहीं कुछ चाहिए मुझको दे दो विश्वास तुम इतना
गवाही माँगे जग सारा वहाँ तेरा बयाँ इक हो /
धन्यवाद...
सौमवारीय हलचल में आप का स्वागत है...इन चंद लिंकों के साथ...
खुशी देते पल
अपने हिस्से का दुःख खुद झेलते हैं
खुशियों को दुसरे का मोहताज़ क्यूँ बनायें
कोमल पौधे
सह जाते हैं आँधी
वृक्ष मरते ।
बैठे-बिठाये उसने मुझसे बैर कर लिया
षड्यंत्र रचने के लिय कोई वजह तो चाहिए !
झोपडी को कर रही ज़लील कोठियां ,
दिल जलाने के लिए कोई वजह तो चाहिए !
गुरु ने बोला ,जीवन का ये
सफ़र,जटिल आसान नहीं
पथरीले रास्तों पर चल कर ,
ठोकर खाकर सीखेगा
मैली मन की भावना, दूषित हुए विचार
है क्षणभंगुर आजकी, नव पीढ़ी का प्यार
आजादी है नाम की, नाम मात्र गणतंत्र ।
व्यापित केवल देश में, पाप लोभ षड़यंत्र
खुफिया एंजेसी ‘रॉ’ के अपर सचिव रहेबी. रमन की इन बातों से समझा जा सकता है।
एक बार बी. रमन ने एनजीओ और उसकी फंडिंग पर आधारित एक किताब के विमोचन के समय कहा था कि “सीआईए सूचनाओं का खेल खेलती है। इसके लिए उसने ‘वॉयस ऑफ अमेरिका’ और
‘रेडियो फ्री यूरोप’ को बतौर हथियार इस्तेमाल करती है।” अपने भाषण में बी. रमन ने इस बात की भी चर्चा की कि विदेशी खुफिया एजेंसियां कैसे एनजीओ के जरिए अपने
काम को अंजाम देती हैं। किसी भी देश में अपने अनुकूल वातावरण तैयार करने के लिए सीआईए उस देश में पहले से काम कर रही एनजीओ का इस्तेमाल करना ज्यादा सुलभ समझती
है। उसे अपने रास्ते पर लाने के लिए वह फंडिंग का सहारा लेती है। जिस क्षेत्र में एनजीओ नहीं है, वहां एनजीओ बनवाया जाता है।
निशानी अब हसीं यादों की लम्हा लम्हा मुस्काये
हों चर्चे कुल जहां अपने ही ऐसी दास्ताँ इक हो /
नहीं कुछ चाहिए मुझको दे दो विश्वास तुम इतना
गवाही माँगे जग सारा वहाँ तेरा बयाँ इक हो /
धन्यवाद...