शुभ प्रभात
बासियोरा होली ......
रंग अबीर की खुमारी .....
पुआ -दही-बड़ा से नशा उतरना बाकी होगा ना
मेरा घर तो खाली हो गया
मेरा घर तो खाली हो गया


हर दर्द बेदर्द

एक बेदर्द से

जमाना हो गया है बेदर्द

बेदर्द बेरहम ज़माने में

मुझे दीजिये इजाजत …………… फिर मिलते हैं .........
विभा रानी श्रीवास्तव