नमस्ते !
दिग्विजय जी की व्यस्तता की वजह से आज की प्रस्तुति भी मेरे ही द्वारा।
पेश हैं चुने हुए लिंक्स कुछ इस तरह से --
-----------
इस दुनिया मे
सब झूठ बोलते हैं
सच तो यह है कि
मेहनत और किस्मत
के साथ
निभाना पड़ता है....
हर रिश्ते को
इसलिए
ओ! आँखों के आँसू
अब तुम चुप रहो
अकाल के बाद
एक टुकड़ा बादलसे होने वाली
बारिशकी तरह
क्योंकि अगर
तुम कुछ बोले तो
सलवटें पड़ जाएंगी ...
लंबे इंतज़ार के बाद मुसकुराई
हरी धरती के
चेहरे पर ।
[नोटकत्थई रंग मेआपकी ब्लॉग पोस्ट्स के लिंक्स हैं]
--यशवन्त यश
दिग्विजय जी की व्यस्तता की वजह से आज की प्रस्तुति भी मेरे ही द्वारा।
पेश हैं चुने हुए लिंक्स कुछ इस तरह से --
-----------
इस दुनिया मे
सब झूठ बोलते हैं
सच तो यह है कि
मेहनत और किस्मत
के साथ
निभाना पड़ता है....
हर रिश्ते को
इसलिए
ओ! आँखों के आँसू
अब तुम चुप रहो
अकाल के बाद
एक टुकड़ा बादलसे होने वाली
बारिशकी तरह
क्योंकि अगर
तुम कुछ बोले तो
सलवटें पड़ जाएंगी ...
लंबे इंतज़ार के बाद मुसकुराई
हरी धरती के
चेहरे पर ।
[नोटकत्थई रंग मेआपकी ब्लॉग पोस्ट्स के लिंक्स हैं]
--यशवन्त यश