क्षमा....बुध को नहीं आ पाई
अभी भी मैं बाहर ही हूँ
आँखो का ऑपरेशन हेतु
नया लेंस जो लगना है
आज की पोस्ट भी ये ही लगा रहे हैं
मैं मात्र बोल रही हूँ.....
आज की चुनी रचनाओं से रूबरु करवाती हूँ....
उजाले उनकी यादों के में
संदेह / जयशंकर प्रसाद
कुलदीप ठाकुर
कबाड़खाना में
खोल दो
अशोक पाण्डेय
लालित्यम् में
एक प्रयोग
प्रतिभा सक्सेना
आवारगी में
वह जब से शहर-ए -ख़राबात को रवाना हुआ
लोरी अली
Ocean of Bliss में
चलें दूर गगन के द्वारे
रेखा जोशी
JINDGI SE MUTHBHED में
पिया गंध मोरे सांसन में है
अज़ीज़ जौनपुरी
अभिव्यक्ति में
कहीं सांकलों में जंग लग गयी तो
मंजू मिश्रा
आज बस इतना ही
संम्भवतः मैं अगले हफ्ते भी नहीं आ पाऊँगी
सादर
यशोदा
अभी भी मैं बाहर ही हूँ
आँखो का ऑपरेशन हेतु
नया लेंस जो लगना है
आज की पोस्ट भी ये ही लगा रहे हैं
मैं मात्र बोल रही हूँ.....
आज की चुनी रचनाओं से रूबरु करवाती हूँ....
उजाले उनकी यादों के में
संदेह / जयशंकर प्रसाद
कुलदीप ठाकुर
कबाड़खाना में
खोल दो
अशोक पाण्डेय
लालित्यम् में
एक प्रयोग
प्रतिभा सक्सेना
आवारगी में
वह जब से शहर-ए -ख़राबात को रवाना हुआ
लोरी अली
Ocean of Bliss में
चलें दूर गगन के द्वारे
रेखा जोशी
JINDGI SE MUTHBHED में
पिया गंध मोरे सांसन में है
अज़ीज़ जौनपुरी
अभिव्यक्ति में
कहीं सांकलों में जंग लग गयी तो
मंजू मिश्रा
आज बस इतना ही
संम्भवतः मैं अगले हफ्ते भी नहीं आ पाऊँगी
सादर
यशोदा