नया कवि : आत्म-स्वीकार -अज्ञेय
किसी का सत्य था,मैंने संदर्भ में जोड़ दिया ।कोई मधुकोष काट लाया था,मैंने निचोड़ लिया ।किसी की उक्ति में गरिमा थीमैंने उसे थोड़ा-सा संवार दिया,किसी की संवेदना में आग का-सा ताप थामैंने दूर हटते-हटते उसे...
View Articleदहेज : एक अभिशाप या एक हथियार
नमस्ते !हलचल की बुधवारीय प्रस्तुति में कुछ चुनिन्दा लिंक्स यशवन्त यश द्वारा -दहेज : एक अभिशाप या एक हथियार Intimidation and threats to the mediaये तो हमारे यहां बहुत पहले हो चुका है सुनहरी चाबुक ठण्ड...
View Articleकुछ कभी न पूरे होने वाले ख्वाब
नमस्ते !हलचल की गुरुवारीय प्रस्तुति मे आपका स्वागत है इन लिंक्स के साथ- रात दिन चूहे मारने वाली बिल्लियों को कुत्तों की देखभाल करने के काम दिये जाते हैं दूध देने वाली गायों को बकरी कटने वाले कारखाने के...
View Articleकुछ तो स्टैंडर्ड बनाओ -- काका हाथरसी
प्रकृति बदलती क्षण-क्षण देखो,बदल रहे अणु, कण-कण देखो|तुम निष्क्रिय से पड़े हुए हो |भाग्य वाद पर अड़े हुए हो|छोड़ो मित्र ! पुरानी डफली,जीवन में परिवर्तन लाओ |परंपरा से ऊंचे उठ कर,कुछ तो स्टैंडर्ड बनाओ...
View Articleइस शनिवार को...नयी पुरानी हलचल में
क्षमा....बुध को नहीं आ पाईअभी भी मैं बाहर ही हूँआँखो का ऑपरेशन हेतुनया लेंस जो लगना हैआज की पोस्ट भी ये ही लगा रहे हैंमैं मात्र बोल रही हूँ.....आज की चुनी रचनाओं से रूबरु करवाती हूँ....उजाले उनकी यादों...
View Articleलोग तो लाखों है पर , क्या थोड़े से भी इंसान है
नमस्ते !हलचल की रविवारीय प्रस्तुति में आपका हार्दिक स्वागत है इन लिंक्स के साथ -नारी शिक्षा एखट-दुक्खटबर्फ ही बर्फ अनुशासन लोग तो लाखों है पर , क्या थोड़े से भी इंसान है ( A song)पलकों में आज फिर ये...
View Articleएक थी गौरा - अमरकांत
लंबे क़द और डबलंग चेहरे वाले चाचा रामशरण के लाख विरोध के बावजूद आशू का विवाह वहीं हुआ । उन्होंने तो बहुत पहले ही ऐलान कर दिया था कि 'लड़की बड़ी बेहया है।'आशू एक व्यवहार-कुशल आदर्शवादी नौजवान है, जिस पर...
View Articleअरुंधती - शिवानी
उसका साथ यद्यपि तीन ही वर्ष रहा, पर उस संक्षिप्त अवधि में भी हम दोनों अटूट मैत्री की डोर में बँध गए। उन दिनों पूरा आश्रम ही संगीतमय था। कभी 'चित्रांगदा'का पूर्वाभ्यास, कभी 'माचेर-खेला', कभी 'श्यामा'और...
View Articleइस बुध की नयी पुरानी हलचल में
मकर संक्रान्ति की शुभ कामनाएं मैं दिग्विजय अग्रवालआप सभी का अभिनन्दन करता हूँआज की हलचल मेरी पसंद कीथोड़ा तो कष्ट होगा परअच्छा भी लगेगा बदलाव....तो बढ़ें आगे.......मकर राशि में आ गये, अब सूरज...
View Articleलोग क्या कहेंगे---?
नमस्ते ! हलचल की गुरुवारीय प्रस्तुति में आपका स्वागत है इन लिंक्स के साथ - लोग क्या कहेंगे---? Duck morning - Mattina papera - बतखमयी सुबह धीरज मन का टूट न जाये अपवित्र : पुरुष सोच न कि नारी शरीर...
View Articleचलना हमारा काम है -शिवमंगल सिंह ‘सुमन’
गति प्रबल पैरों में भरी फिर क्यों रहूं दर दर खडा जब आज मेरे सामने है रास्ता इतना पडा जब तक न मंजिल पा सकूँ, तब तक मुझे न विराम है, चलना हमारा काम है। कुछ कह लिया, कुछ सुन लिया कुछ बोझ अपना बँट गया...
View Articleनहीं न छोड़ूंगा पीछा...... आज का शनिवारीय
आज की हलचल पुनः मेरी ही कलम से सादर अभिवादन....सूर्य ने रास्ता बदल लिया है दिन अब शैनेः शैनेः बड़ा होने लगेगा कितनी ऊटपटांग है प्रकृति भीजब भीषण गर्मी होती है तो दिन बड़ा होता हैऔर जब कड़ाके की ठण्ड...
View Articleजिंदगी तो जिंदगी है जैसे कोई कील.........ख्यालों की
नमस्ते ! हलचल की रविवारीय प्रस्तुति में पेश ए खिदमत हैं कुछ खास और चुनिन्दा लिंक्स - शिल्पा जी के अनुसार जिंदगी तो जिंदगी है डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक" जी के ब्लॉग पर "डूबा नया जमाना" वंदना...
View Articleअपत्नी - ममता कालिया
हम लोग अपने जूते समुद्र तट पर ही मैले कर चुके थे। जहाँ ऊँची-ऊँची सूखी रेत थी, उसमें चले थे और अब हरीश के जूतों की पॉलिश व मेरे पंजों पर लगी क्यूटेक्स धुंधली हो गयी थी। मेरी साड़ी क़ी परतें भी इधर-उधर...
View Articleधाराधीश की दान-धारा -अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध'
महाराज भोज की गणना भारतवर्षीय प्रधान दानियों में होती है। वे अपने समय के धन-कुबेर तो थे ही, दानि-शिरोमणि भी थे। यदि वे मुर्तिमन्त दान थे तो उनकी धारानगरी दानधारा-तरंगिणी थी। हृदय इतना उदार था कि उनके...
View Articleसफ़र वही, सोच नई ज़िन्दगी जैसे गुनगुनाई है
__/\__नमस्ते ! __/\__हलचल की बुधवारीय प्रस्तुति में आपका हार्दिक स्वागत है साधना आंटीके अनुसार -अच्छा ही है जो दूर हो तुम !धधकते हृदय में इस वक्त सिर्फ अंगार हीअंगार हैं पूनम जीबस यूं ही गुनगुना रही...
View Articleउठो - खड़े होओ - आगे बढ़ो....
नमस्ते ! हलचल की गुरुवारीय प्रस्तुति मे आपका स्वागत है इन लिंक्स के साथ-मैं तुम सुन रहे हो न? वे आये, उन्होंने मारा और वे चले गयेक़त्ल करने मुझे देखो , कब्र में घुस के बैठे हैं . कोई तो बता दो...उठो -...
View Articleकंधे श्रवणकुमार के -हरिशंकर परसाई
एक सज्जन छोटे बेटे की शिकायत करते हैं - कहना नहीं मानता और कभी मुँहजोरी भी करता है। और बड़ा लड़का? वह तो बड़ा अच्छा है। पढ़-लिखकर अब कहीं नौकरी करता है। सज्जन के मत में दोनों बेटों में बड़ा फर्क है और...
View Articleरहा काम अपना तो बस वक्त के साथ गुनगुनाना..
नमस्ते !आप सभी को बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएँहलचल की शनिवारीय प्रस्तुति में पेश हैं कुछ चुनिन्दा लिंक्स-है हवा कुछ बोलती सीबसंत के मौसम में रहा काम अपना तो बस वक्त के साथ गुनगुनाना.. शिल्पा जी...
View Articleदुनिया एक छलावा है
नमस्ते !हलचल की रविवारीय प्रस्तुति मे आपका स्वागत है इन लिंक्स के साथ- रूप चंद्र शास्त्री जी की गजल गधे इस देश केआशा आंटी का कहना है दुनिया एक छलावा है ज्योति जी के ब्लॉग पर पढ़िये लघुकथा - 'फर्क...
View Article