आज की हलचल पुनः मेरी ही कलम से
सादर अभिवादन....सूर्य ने रास्ता बदल लिया है
दिन अब शैनेः शैनेः बड़ा होने लगेगा
कितनी ऊटपटांग है प्रकृति भीजब भीषण गर्मी होती है
तो दिन बड़ा होता हैऔर जब कड़ाके की ठण्ड रहती है
तो दिन और भी छोटा हो जाता है
पता नहीं मैं कैसे और क्या-क्या कहने लगाप्रकृति के खिलाफ.....क्षमा प्रकृति देवीचलिए चलते हैं मेरी पसंद की ओर....
लोगों के सीखने का तरीका अलग अलग होता है. कुछ
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