☼ शुभप्रभात .... !☼
बेहयाई, बेवफ़ाई, बेईमानी हर तरफ़
धीरे-धीरे मर रहा आँखों का पानी हर तरफ़.
सिखा दी बेवफ़ाई भी,तुम्हें ज़ालिम ज़माने ने,
तुम जो सीख लेते हो,हमीं पे आज़माते हो
तेरी खुदगर्जी को क्या कहू
![My Photo]()
बेवफ़ाई थी उसकी फ़ितरत में
![My Photo]()
बेवफ़ा सनम का था गम
![]()
तो वो बेवफा होता नहीं
![My Photo]()
बेवफ़ा कभी ना करते
![My Photo]()
मैं बेवफ़ाई पे नही लिखता
![My Photo]()
बेवफाई का खबर ने दुखी कर दिया
![मेरा फोटो]()
बेवफ़ाई को चोट दे सको
![]()
बेवफा सनम मेरा
![My Photo]()
तमाशबीन इस दुनिया में
![]()
बेहयाई, बेवफ़ाई, बेईमानी हर तरफ़
धीरे-धीरे मर रहा आँखों का पानी हर तरफ़.
सिखा दी बेवफ़ाई भी,तुम्हें ज़ालिम ज़माने ने,
तुम जो सीख लेते हो,हमीं पे आज़माते हो
तेरी खुदगर्जी को क्या कहू

बेवफ़ाई थी उसकी फ़ितरत में

बेवफ़ा सनम का था गम

तो वो बेवफा होता नहीं

बेवफ़ा कभी ना करते

मैं बेवफ़ाई पे नही लिखता

बेवफाई का खबर ने दुखी कर दिया

बेवफ़ाई को चोट दे सको

बेवफा सनम मेरा

तमाशबीन इस दुनिया में

मुझे दीजिये इजाजत .... फिर मिलते हैं ....
विभा रानी श्रीवास्तव