नमस्कार!
जो लोग रक्षा बंधन आज माना रहे हैं उन सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ!
यशोदा दीदी इस हफ्ते त्योहार मनाने गयी हुई हैं;हमें आशा है अगले बुधवार हम सबके लिये मिठाई का एक टुकड़ा ज़रूर लाएँगी।
तो चलते हैं अब आज की लिंक रोड पर-
~प्रस्तुतकर्ता-यशवन्त माथुर
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जो लोग रक्षा बंधन आज माना रहे हैं उन सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ!
यशोदा दीदी इस हफ्ते त्योहार मनाने गयी हुई हैं;हमें आशा है अगले बुधवार हम सबके लिये मिठाई का एक टुकड़ा ज़रूर लाएँगी।
तो चलते हैं अब आज की लिंक रोड पर-
मेरी अमानत
मुझे मिली
जो दूसरे के
घर में पली
जो मुझे बनाई
mother in law(मदर इन लॉं)
But
मुझे रहना है
mother in love(मदर इन लव)
राखी का तार
बन नेह बंधन
आया द्वार
रिश्ता तो रिश्ता है
हो चाहे बंद लिफाफे में
या राखी भाई की कलाई में
पर रहे सदा ही वरदहस्त
बहना के सर पर |
हो चाहे बंद लिफाफे में
या राखी भाई की कलाई में
पर रहे सदा ही वरदहस्त
बहना के सर पर |
जाने फिर क्यूँ मुझे वो याद आया;
जाने फिर क्यू ये ख़याल आया.
जिस्म दो हैं, उसका और मेरा;
जिसमें बसता है एक ही साया.
कोई जरूरी तो नहीं ,
मोहब्बत में हर वक्त ,
हो पैमाइश लफ़्ज़ों की ,
उनकी पैदाइश से पहले
मोहब्बत में हर वक्त ,
हो पैमाइश लफ़्ज़ों की ,
उनकी पैदाइश से पहले
कहीं की यात्रा कहीं पहुँच रही है… अभीकविताओंसे ही घिरा है मन, यात्रा के तथ्य और इतिहास को लिख पाने में अक्षम महसूस कर रहा है, सो कुछ तस्वीरों के साथ लेते हैं विराम!
पढ़िए कवितायेँ, हम भी अब पढ़ते हैं कवितायेँ, रोम कल घूमेंगे…!
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