शुभ प्रभात

यादें हुलसे
बचपन चुहल
बुढ़ापा हँसे ।

ना तो क्या करूं
जिये तो मस्ती मस्ती
ना तो मरना ।
Crow on Palash Tree
अपना संस्कार "नारी-मूल्य"

अखबार के समाचार

ताउम्र दुआ किया करते हैं

सुकून

मुझे दीजिये इजाजत ............. फिर मिलते हैं .........
विभा रानी श्रीवास्तव