छा रहा है
होली कारंग उल्लास
हर ओर
सब मिल रहे हैं गले
एक दूसरे से
जो अब तक अनजान थे
लेकिन अपनेपन के
यह रिश्ते यूँ ही बन जाते है
यह रिश्ते यूँ ही बन जाते है
त्योहार के इस मौसम में
के साथ
कहाँ कुछ नहीं बतायेगा
अब बस ले लो एक विराम
आज की हलचल से
क्योंकि बहुत से हैं काम
घर के भीतर-बाहर के
अपना यही पैगाम
कि आप सबको
~यशवन्त यश
नोट--कत्थई रंग में ब्लॉग पोस्ट्स के लिंक्स हैं।