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Channel: भूले बिसरे-नये पुराने
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दुनिया की भीड़ में... शुकरवारीय हलचल कुलदीप ठाकुर के साथ।

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नमस्कार एवं शुभप्रभात...
शुकरवार की इस नयी पुरानी हलचल में मैं आप का स्वागत करता हूं, अभिनंदन करता हूं...

पेश है आप की रचनाओं के प्यारे लिंक

फोटोफीचर-कुमुद" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक

आप कभी धोखा मत खाना! कमल नहीं इनको बतलाना एक ही ग़म तेरे जाने का रहा स्वप्निल तिवारी 'आतिश

जह्न के कमरे में तेरा इक खयाल रात भर जलता रहा बुझता रहा  नरमदिल क़ानून, zeal

भेंडचाल समाज ? संवेदनहीन सरकार और पुलिस मात्र देह नहीं है नारी, केवल राम

जब की जिस व्यवस्था में हम जीवन यापन कर रहे हैं उसे अगर अंग्रेजियत की व्यवस्था कहूँ तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी . हो सकता है आप असहमत हों लेकिन मेरे विश्लेषण का तो यही निष्कर्ष निकलता है की बोर्ड शार्टकट्स के साथ रफ्तार से करें काम, नरेश ठाकुर

की बोर्ड को केवल टाइपिंग के लिए इस्तेमाल करने के अलावा उसे अपनी वर्क स्पीड बढ़ाने में भी कारगर रूप से इस्तेमाल कर सकते हैं। जानें कुछ की बोर्ड शार्टकट्स क्योकि जिन्दगी अभी बाकी है, किरण मिशरा

कुछ घटनाये जो अभी होना बाकी है, क्योकि जिन्दगी अभी बाकी है

मैं कौन हूँ ? काली पद प्रषाद

दुनियाँ  की भीड़ में  तुम मुझे पहचानोगे नहीं

मैं बनाना चाहता हूं, हेमंत कुमार

और महसूस कर सके इस दुनिया में अपने वजूद को हर युग की कहानी नारी की जुबानी, रूशी

हम कितना आधुनिक युग में चाहे जी ले पर  त्याग बलिदान आज भी है हिस्से में तो नारी के कांधो पर..   मैने तुमसे प्यार किया था, सत्य शिवम्

सदियों से तेरी खातिर आया, पर प्यार तुम्हारा क्यों ना पाया
आज बस इतना ही, अब दिजिए इजाजत कुलदीप ठाकुरको अगले शुकरवार तक




धन्यवाद !

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