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Channel: भूले बिसरे-नये पुराने
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मैं अकेली महकती रही......नयी पुरानी हलचल..बुधवारीय अंक

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आप सभी को यशोदाका नमस्कार.......
आज के अंक में

चलिये देखते है कि क्या है.......

नई दस्तक......
होंठो की गुलाबी
नरम पंखुड़ियों पर
पानी का छीट भी मोती
सा बन बैठता है तुम्हारा नाम
झंकार सा बजने लगता है



प्यार की छाँव..
प्यार की छाँव का असर होगा!
अपने ख़्वाबों का एक घर होगा!
कोई दुख तुझको जब करे तन्हा,
मेरे कंधे पे तेरा सर होगा!


लहरें गुनगुनाती
किनारों के बीच
हूँ मै बहती नदिया



गर्मी में अब्र की कब ख़ैरात माँगता हूँ ?
बारिश के मौसमों में बरसात माँगता हूँ ॥



ढल रहा था दिन
अचानक से चांद दिखा
चलने लगा साथ-साथ
ऐसे
जैसे पीछा कर रहा हो मेरा


शब्दों के पार भी प्यार है ।
पसीने से सराबोर
मेरे माथे को पोछ्ते तुम
देर से घर आने पर मेरी व्याकुलता
अपनी उदासियों में तलाशती
तुम्हारा कंधा


रह गई किस चीज की मुझमें कमी कुछ तो कहो
किस तरह होगी मुकम्मल जिंदगी कुछ तो कहो


ये बदरिया भी क्यों बेचैन कर देती है
सावन में दिन में भी रैन कर देती है



खिलना ओ जीवन !
जैसे खिलती है सरसों
जैसे खिलती हैं बसंत की शाख
जैसे भूख के पेट में खिलती है रोटी
जैसे खिलता है मातृत्व
जैसे खिलता है, महबूब का इंतज़ार
जैसे पहली बारिश में खिलता है रोम-रोम


आई सावन की बहार
बदरिया घिर घिर आये|
गूंजें कज़री और मल्हार
बदरिया घिर घिर आये|


बुलेट बनाम लेट [व्यंग्य ]  
बुलेट ट्रेन चलने की सुगबुगाहट जोरों  पर है
इनकी  गति का भारत में कीर्तिमान बनेगा
अब तक की सबसे तेज चलने वाली होंगी ये बुलेट ट्रेनें,
यह देश की प्रगति  की सूचक बनेंगी


आज एक 

बेहद ख़ूबसूरत गीत 
पर नज़र पड़ी है
.........अदा


वो गीत आप भी सुनिये 
और  आज्ञा दीजिये
यशोदा को










 



 



 





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