नमस्ते !
शुक्रवारीय प्रस्तुति मे आप सभी का स्वागत है
इन लिंक्स के साथ -
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बड़बोलेपन और कूपमण्डूकता का एक साम्प्रदायिक संस्करण
मेरा मुंसिफ ही मेरा कातिल निकल गया
मेरे पास ऑफर है बताओ !
पुरुषो तुम परमेश्वर बनोगे??
मेरे पास ऑफर है बताओ !
पुरुषो तुम परमेश्वर बनोगे??
शायद सो गयी हूँ मैं
मित्र, पड़ोसी, और भाई, भाई के शोणित का प्यासा,
इस जहान में तुम सा कोई भी नहीं.
सुबह न होगा, ना होगी शाम
-यशवन्त यश -