प्रेम नाम का दरिया है ऐसा जिसको चाहा है ले डूबा है
आओ आज कुछ ऐसा करें कि इधर का इधर और उधर का उधर करेंनाम उम्र वल्दियत सब गलतपहचान पत्र पर अग्निपरीक्षा दे कर इसको सही करें .। ***** प्रेम नाम का दरिया है ऐसा जिसको चाहा है ले डूबा है पहले ख्वाब और...
View Articleरमन्ते तत्र देवता -अज्ञेय
अक्टूबर सन् 1946 का कलकत्ता। तब हम लोग दंगे के आदी हो गए थे, अखबार में इक्के-दुक्के खून और लूटपाट की घटनाएं पढ़कर तन नहीं सिहरता था, इतने से यह भी नहीं लगता था कि शहर की शांति भंग हो गई। शहर बहुत से...
View Articleदेखो-सोचो-समझो - भगवतीचरण वर्मा
देखो, सोचो, समझो, सुनो, गुनो औ'जानोइसको, उसको, सम्भव हो निज को पहचानोलेकिन अपना चेहरा जैसा है रहने दो,जीवन की धारा में अपने को बहने दोतुम जो कुछ हो वही रहोगे, मेरी मानो ।वैसे तुम चेतन हो, तुम प्रबुद्ध...
View Articleकैसा दिखता होगा चाँद वहाँ से...
मेरी मंजिल यही,..जहाँ प्रकृति मेरे कैनवास परदिखाती है उफक में उगते सूरज के मंज़रफिर भी जिंदगी की हार जीत के कई दाँव......लगा कर यही सोचता हूँ कि कैसा दिखता होगा चाँद वहाँ से... जहां तेरे मेरे सपने...
View Articleअजब अंग्रेजी की गजब कहानी
अपनी अधूरी दास्ताँलिए गम की हाला का नवगीत परेशान है दिल के उपवन में डी.जे. की धुन पर थिरकती अजब अंग्रेजी की गजब कहानीदेख कर फिर भी यहाँ बस एक तुम्ही तो हो... जो गाते हो मौसम की आशिक़ी का तराना...
View Articleदृष्टान्त - हरिऔध
है जिन्हें सूझ, जोड़ से ही, वे।भिड़ सके लाग डाँट साथ बड़ी।भूल कर भी लड़ी न भौंहों से।जब लड़ी आँख साथ आँख लड़ी।देख कर रंग जाति का बदला।जाति का रंग है बदल जाता।देख आँखें हुईं लहू जैसी।आँख में है लहू उतर...
View Articleकिनारे कि तलाश में...
सिर्फ तुम्हारे लिए मैं नहीं हूँ अवसादमना, किनारे कि तलाश में...शेखचिल्ली की कहानीसुनते हुए मुझे पता हैअपने जन्मदिन परउसे क्या चाहिए इसलिए मैं दे रहा हूँ चमन मे खिलते गुलों की खुशबू। -यशवन्त यश
View Articleपुस्तकों का मेला और फिरौती वाले प्रकाशक
ये ज़िन्दगी का सफर... तय करते हुए सुनो और पढ़ो गहरा मर्म लिए हुए कुछ क्षणिकाएँ फिरौती वाले प्रकाशकसे बात की बातकरते हुए देखते हुए पुस्तकों का मेला महसूस करो सूरज का जलते रहना। --यशवन्त यश
View Articleजीवन की ही जय हो - मैथिलीशरण गुप्त
मृषा मृत्यु का भय हैजीवन की ही जय है ।जीव की जड़ जमा रहा हैनित नव वैभव कमा रहा हैयह आत्मा अक्षय हैजीवन की ही जय है।नया जन्म ही जग पाता हैमरण मूढ़-सा रह जाता हैएक बीज सौ उपजाता हैसृष्टा बड़ा सदय हैजीवन...
View Articleआलस्य-भक्त - गुलाब राय
अजगर करै न चाकरी, पंछी करे न काम। दास मलूका कह गए, सबके दाता राम ।। प्रिय ठलुआ-वृंद! यद्यपि हमारी सभा समता के पहियों पर चल रही है और देवताओं की भांति हममें कोई छोटा-बड़ा नहीं है, तथापि आप लोगों ने मुझे...
View Articleमैं हूँ जीरो
रंग बदलता मौसम अपने एहसास की लहरो परप्रेरणा देता है इन पलों मेंकुछ कर गुजरने कीलेकिन मैं समझ नहीं पाताकि इन बदलते रंगों के साथ तुम्हे मेरी इतनी फ़िक्र क्यों है...जबकि मेरी जिंदगी नोटबुक नहीं है...
View Articleप्रेम अनुमति पत्र../ ब्लागर होने का प्रमाणपत्र
नमी के इंतज़ार में तुम्हारे अहसासऔर मन के उद्गार के साथ शिक्षित बचपन अक्सर मुझसे मांगता है प्रेम अनुमति पत्र..लेकिन ब्लागर होने का प्रमाणपत्र दिखा कर बचने की कोशिश में सब सुना देते हैं पिडली सी...
View Articleगर्मियों के दिन -कमलेश्वर
चुंगी-दफ्तर खूब रँगा-चुँगा है । उसके फाटक पर इंद्रधनुषी आकार के बोर्ड लगे हुए हैं । सैयदअली पेंटर ने बड़े सधे हाथ से उन बोर्ड़ों को बनाया है । देखते-देखते शहर में बहुत-सी ऐसी दुकानें हो गई हैं, जिन पर...
View Article"चन्दा देता है विश्राम"
नमस्ते !फरवरी माह की अंतिम प्रस्तुति मे पेश हैं कुछ चुनिन्दा लिंक्स - अफ़वाह अब जब याद आएँ मेरे तिलिस्म "चन्दा देता है विश्राम" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')पंख बिन ही उड़ रहा है धर्म, धर्म प्रचार और...
View Articleरंग मुहब्बत का ........
नमस्ते !मार्च माह की पहली प्रस्तुति मे आपका हार्दिक स्वागत है-रंग मुहब्बत का ........ विनती! "होली गीत-महके है मन में फुहार" सोची के बबुनी के दिल भरी आइल.............मर्दों के यूँ न कटें पर . वह हँसी
View Articleबुरा तो मानो... होली है!
नमस्ते !आप सभी को होली की हार्दिक शुभकामनाएँ ! ख्वाब आवाज़ देगा होली के रंग...वही गौरैया याद आती है! हालात रंग बहुत हो गये इधर उधर रहने दे इस बार मत उड़ा बस रंग बिरंगे चुटकुले कुछ रोज सुना सूर्य और...
View Articleरखती हूँ मैं भी आम स्त्री का बुत खुद में ........
नमस्ते !महिला दिवस के उपलक्ष्य मे रविवारीय प्रस्तुति में पेश हैं कुछ चुने हुए लिंक्स-अगला हादसा कब होगा ?? चल रही हूँ तुम्हारी सभी उपलब्धियां निर्थक है....!!!तुम मुझे प्रेरणा सी लगती हो!बेटी का हक़...
View Articleक्या आयेगा सवेरा?
नमस्ते !हलचल की रविवारीय प्रस्तुति मे आपका स्वागत है इन लिंक्स के साथ-क्या आयेगा सवेरा? (डॉ0 रूपचन्द्र शास्त्री मयंक)सजा कौन भर रहा प्रीत प्राण में मन, शहरी नही हुआ ... समकालीन कविता के संकट का...
View Articleसंस्कृति रक्षण में महिला सहभागिता
नमस्ते !हलचल की सोमवारीय प्रस्तुति मे आपका स्वागत है इन लिंक्स के साथ- "बालगीत-मिलने आना तुम बाबा" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') कतरनें संस्कृति रक्षण में महिला सहभागिताबेचैन ऩज्म श्रीलाल शुक्ल से...
View Articleहैंग-ओवर और आम लोग
_/\_ नमस्ते _/\_ हलचल की मंगलवार की प्रस्तुति में पेश हैं चुनिन्दा लिंक्स-आम लोग ........ सृजन से पहले प्रेम हैंग-ओवर ... गुनगुनी सी धूप छू खिल उठे आपका मन खांडवी
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